Tuesday, November 13, 2018

आ ...आ ... आंटी

आ..आ..आंटी
राजू (उम्र 21 साल) अपने कमरे का दरवाजा बांध करके, कानो में ear phone लगा कर porn movie का मजा ले रहा था| उसका हाथ उसके shorts के अन्दर था और वह अपने विशाल लिंग को सहलाता हुआ porn movie का आनंद ले रहा था| रात के 11 बजे थे और तभी कमरे के बाहर से उसकी माँ की आवाज़ आती है, “राजू बेटा, तू शालिनी के घर चला जा, आज वही रुकना है तुझे| उनके घर में कोई नहीं है और उनको अकेली रहने में डर लगता है|” 
शालिनी (उम्र 41 साल) राजू की पड़ोसन थी| दिखने में सुन्दर, गोरी भरा हुआ बदन| दोनों पड़ोसियों का आपस में बहुत अच्छी बनती थी और जरूरत पे एक दुसरे का मदद करते थे| उनका पति रेलवे में नौकरी करते थे और अक्सर उनकी नाईट ड्यूटी हुआ करती थी| हलाकि दोनों परिवारों की अच्छी बनती थी पर राजू उनसे जरा दूर ही रहता था क्योकि शालिनी के बेटे अमर से राजू की कभी नहीं बनी| porn movie के बिच इस तरह के खलल से राजू बहुत नाखुश था पर वह अपनी माँ की बात टाल भी नहीं सकता था| वह चुप चाप बिना कुछ कहे शालिनी के घर पहुच गया|
जब राजू शालिनी के घर के अन्दर आया तब भी उसका लिंग porn movie के असर में ही था और उसके shorts से उसके विशाल लिंग के आकार का अनुमान लगाना बहुत मुश्किल नहीं था| पर तब शालिनी टीवी देख रही थी और इसका फ़ायदा उठा कर राजू चुप चाप सोफे में बैठ चूका था| राजू शालिनी के बाये तरफ वाले सोफे में बैठा हुआ था और शालिनी अपने मुह को राजू के तरफ करके बोली, “अच्छा हुआ तू आगया राजू, आज अमर भी अपने कॉलेज के दोस्तों के साथ आउटिंग पे गया हुआ है| मुझे अकेले रहने में बहुत घबराहट होती है इसलिए तुझे बुलवा लिया| तू कुछ खायेगा?” 
राजू porn movie न देखपाने की वजह से अभी तक झल्लाया हुआ था, “नहीं आंटी, मैं खाना खा चूका|” और आन्माने तरीके से टीवी देखने लगा| मन ही मन सोचने लगा कहा मस्त porn movie देख रहा था और कहा यह साँस बहु का सीरियल देखना पड़ रहा है| तभी शालिनी अचानक बोल पड़ी, “अच्छा सून, क्या मैं बुधिया हो गयी हु?” राजू का बात करने का दिल नहीं कर रहा था पर जवाब देना मज़बूरी थी, “नहीं तो...किसने कहा? आप तो बहुत जवान दिखती हो|”
शालिनी मायूस सा चेहरा बना कर बोली, “पता नहीं, आज मार्किट में एक बदमाश लड़के को अपने दोस्त से कहते सुना की देख देख मोती आंटी कैसे कमर मटका मटका कर चल रही है और यह कहते हुवे दोनों मेरी तरफ देख कर जोर जोर से हसने लगे|” 
राजू फॉर्मेलिटी करता हुआ बोला, “अरे वह आवारा लड़के है, उनकी बात पर क्या ध्यान देना|”
यह सुनते ही शालिनी उठ खड़ीं होती है, “तू ठीक कहता है राजू|” कहते हुवे राजू के तरफ पीठ कर देती है और पलट कर राजू के तरफ देखते हुवे कहती है, “सच सच बोल राजू, क्या मैं पीछे से बहुत मोती दिखती हु?” 
शालिनी ने पतली साड़ी बहुत टाइट लपेटी हुई थी जिससे की उनकी उभ्री हुई नितंबो की आकार और माप का अंदाज़ा लगाना बहुत मुश्किल नहीं था| राजू आज पहली बार शालिनी की नितंबो के तरह देख रहा था| वह लगभग 40-42 माप की होगी, मानसाल उभारदार और चौड़ी| टाइट साड़ी की वजह से नितंबो के बिच के दरार का गहरापन का अनुमान लगाना भी मुश्किल नहीं था| शालिनी की सुडौल नितम्ब को देखते ही राजू के ख्याल में porn movie का वह दृश्य आगया जिसमें हट्टा कट्टा आदमी सुडौल नितम्ब वाली अभिनेत्री के नितंबो को हाथो से मसलता हुआ उनको कभी चूम रहा था तो कभी चाट रहा था| राजू अब काफी उत्तेजना से भर गया था| 

वह एक टक शालिनी की नितंबो को देखता हुआ बोल पड़ा, “आंटी आप तो पीछे से बिलकुल हीरोइन लगती है|” 
शालिनी थोड़ी सी उखड़ी अंदाज़ में बोली, “बस बस बकवास मत कर|” राजू सहम गया और सोचने लगा कही मेरे किसी बात की शिकायत माँ से न कर दे| वह मन ही मन सोचने लगा की अब से मुझे संभल कर बोलना पड़ेगा| यह सोच ही रहा था की तभी शालिनी अपना बाया हाथ पीछे ले जाती है और साड़ी के ऊपर से अपनी बायीं नितंब पर रखते हुवे, हल्का हल्का थपथपाते हुवे बोलने लगी, “देख, मुझे झूठ बिलकुल पसंद नहीं| ध्यान से देख इसको और बता क्या यह बहुत बड़ी है?” शालिनी के अपने नितंब पर थपथपाने से उनकी नितंब हिलने लगी थी जिससे राजू को एहसास हो गया था की शालिनी की नितंब सिर्फ सुडौल और गहरी ही नहीं बल्कि बहुत कोमल भी है| राजू शालिनी को अपनी ही नितंब को थपथपाते हुवे हिलाता देख कभी उत्तेजना से भर गया था| राजू को अब यह आभास हो गया था की शालिनी को अपने जिस्म की तारीफ बहुत पसंद है| वह अब यह चाहता था की किसी तरह से शालिनी को प्रोत्साहित करता रहे ताकि वह और भी मनोरंजन  करे उसकी| पर साथ ही उसको यह भी ख्याल रखना था की कही गलती से भी कुछ ऐसी बात न बोल जाये जिससे की उसकी शिकायत हो जाये| बहुत सोच समझ कर राजू बोला, “आंटी, मुझे झूठ बोल कर क्या मिलेगा?  इसमें मेरा कोई फ़ायदा नहीं| चाहे आप मेरी बात को झूठ समझो या सच पर मैं फिर भी बोलूँगा की इतनी सुडौल आकार और माप तो बहुत किस्मतवाली औरतो की ही होती है|” 
मुस्कुराते हुवे शालिनी बोली, “तू सच बोल रहा है न राजू? वैसे भी यह सिर्फ 40 की है|” अपनी बाये नितंब पर हाथ फेरते हुवे बोली| “न जाने आज कल के लडको को क्या हो गया है, औरतो का तो इज्ज़त करना तक भूल गए है| कैसी गन्दी गन्दी comments pass करते है|”
राजू चाहता था की शालिनी को और ज्यादा प्रोत्साहित करे, “अरे आंटी, आप अवारा लडको की बातों को क्यों इतना दिल पे लगा रही हो? वह तो कुछ भी बकवास करते रहते है|”
शालिनी अपने सोफा में बैठते हुवे बोली, “फिर भी कोई लिहाज तो होना चाहिए न| कुछ और नहीं तो कम से कम उम्र का लिहाज तो करना चाहिए न| न जाने आज कल के लडको को क्या हो गया है..बहुत गन्दी गन्दी बातें करते है, मुझे तो बोलते हुवे भी शर्म आती है|”
अब राजू की जिज्ञाषा और भी बड़ जाती है, “क्यों क्या हुआ आंटी? किसने क्या बोला आपको? जरा बताईये मुझे खुल कर, मैं देख लूँगा सालो को|”
शालिनी आंटी बोली, “उस दिन मैं साड़ी खरीदने गयी थी| धुप में साड़ी का रंग चेक करने शॉप के दरवाजे से बाहर आई| साड़ी को अपने कंधे पर रख कर देखने लगी| सामने दो लड़के खड़े थी| तुम्हारी उम्र के होंगे| एक ने दुसरे को बोला कितनी मस्त बड़ी बड़ी है इस आंटी की| यह सुनते ही मेरे कान लाल हो गए”| यह सुनते ही राजू का ध्यान शालिनी की बड़ी बड़ी स्तन पर गयी| शालिनी ने sleevless low cut ब्लाउज पहन रखा था| low cut की वजह से उनकी स्तन की दरार दिख रही थी| मन ही मन सोचने लगा सच ही तो बोल रहे थे दोनों| शालिनी इस बात से अनजान की राजू अब उसकी स्तनों को निहार रहा था वह बोलती रही, “दूसरा लड़का तो और भी बेशरम था| उसने अपने दोस्त से कहा की ऐसी मस्त आंटी तो बिना साड़ी के और ज्यादा सुन्दर लगती है| यह सुनते ही मेरे कान और गाल दोनों लाल हो गए थे| इतनी गन्दी बात आज तक किसी ने मेरी बदन के ऊपर नहीं बोला था|”
राजू से रहा नहीं गया और वह यह comments सून कर जोर जोर से हसने लगा|
राजू, “हा हा हा हा ... “
शालिनी गुस्से से राजू को घूरते हुवे बोली, “अरे बदमाश, तू क्यों हस रहा है? तू भी उन आवारा लडको जैसा ही है क्या?”
राजू तुरंत परिस्थिति को संभालता हुआ बोला, “अरे आंटी, यह तो कॉम्प्लीमेंट है| आपको कोई अच्छा बोले तो भी आपको पसंद नहीं और कोई बुरा बोले तो भी|”
 शालिनी, “अरे ऐसा नहीं है राजू| अगर कॉम्प्लीमेंट करना है तो उसका एक तरीका होता है| ऐसे थोड़े की कुछ भी बोल दो, जाहिलो की तरह|” थोडा रुक कर शालिनी फिर बोली, “अच्छा राजू, तू तो बड़ा शरीफ है| तू मेरी इज्जत भी करता है| अगर तू उनकी जगह होता और तुझे मेरी तारीफ करनी होती तो तू इसी बात को कैसे बोलता?” 
राजू थोडा सोच कर बोला, “वाह यह आंटी कितनी सुन्दर है| एक बार कोई इनकी फिगर को देख ले तो बार बार इनके सुन्दर बदन को निहारने का दिल करेगा|”

शालिनी खुश हो कर बोली, “अरे वाह राजू| यह होता है किसी औरत की तारीफ करने का तरीका|” तभी उनकी नज़र घडी पर गयी| अब रात के १२.३० बजे थे| “अरे बातों बातों मैं पता ही नहीं चला कितना समय निकल गया| चलो अब सोते है| बाकि बातें बेडरूम में करेंगे| और बातें करते करते सो जायेंगे|” यह कहते हुवे वह उठी और बेडरूम के तरफ जाने लगी| राजू भी उठा और शालिनी की सुडौल नितंबो को देखता हुआ उनके पीछे पीछे चलते हुवे सोचने लगा| उफ़ कितनी मस्त पिछवाडा है आंटी का| मैंने कभी इनको ध्यान से देखा क्यों नहीं|

यह कहानी amazon में उपलब्ध है| मेरे उन पाठको को यह कहानी समर्पित है जिनको अपने से बड़ी उम्र की औरत उत्तेजक करती है| 

कहानी का शीर्षक है - "आ ...आ ... आंटी"