Friday, July 10, 2020

एक बार देखोगे तो देखते ही रहोगे

आ...आ...आंटी की जबरदस्त कामियाबी के बाद, आपके लिए पेश है रोचक, रोमांचक और रोंगटे खड़े करने वाली कहानी आ...आ...आ...आंटी - 2. वह एक बड़े अफसर की बीवी थी और वह एक हत्ता कट्टा जवान| क्या थी उनकी चाहत? एक अधेड़ उम्र की अकेली हाउसवाइफ की कहानी|

Thursday, January 9, 2020

आ...आ...आंटी - 2: अनजान जवान लड़का और मस्त अकेली आंटी (Hindi Edition)


आ...आ...आंटी की जबरदस्त कामियाबी के बाद, आपके लिए पेश है रोचक, रोमांचक और रोंगटे खड़े करने वाली कहानी आ...आ...आ...आंटी - 2. वह एक बड़े अफसर की बीवी थी और वह एक हत्ता कट्टा जवान| क्या थी उनकी चाहत? एक अधेड़ उम्र की अकेली हाउसवाइफ की कहानी|

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Tuesday, November 13, 2018

आ ...आ ... आंटी

आ..आ..आंटी
राजू (उम्र 21 साल) अपने कमरे का दरवाजा बांध करके, कानो में ear phone लगा कर porn movie का मजा ले रहा था| उसका हाथ उसके shorts के अन्दर था और वह अपने विशाल लिंग को सहलाता हुआ porn movie का आनंद ले रहा था| रात के 11 बजे थे और तभी कमरे के बाहर से उसकी माँ की आवाज़ आती है, “राजू बेटा, तू शालिनी के घर चला जा, आज वही रुकना है तुझे| उनके घर में कोई नहीं है और उनको अकेली रहने में डर लगता है|” 
शालिनी (उम्र 41 साल) राजू की पड़ोसन थी| दिखने में सुन्दर, गोरी भरा हुआ बदन| दोनों पड़ोसियों का आपस में बहुत अच्छी बनती थी और जरूरत पे एक दुसरे का मदद करते थे| उनका पति रेलवे में नौकरी करते थे और अक्सर उनकी नाईट ड्यूटी हुआ करती थी| हलाकि दोनों परिवारों की अच्छी बनती थी पर राजू उनसे जरा दूर ही रहता था क्योकि शालिनी के बेटे अमर से राजू की कभी नहीं बनी| porn movie के बिच इस तरह के खलल से राजू बहुत नाखुश था पर वह अपनी माँ की बात टाल भी नहीं सकता था| वह चुप चाप बिना कुछ कहे शालिनी के घर पहुच गया|
जब राजू शालिनी के घर के अन्दर आया तब भी उसका लिंग porn movie के असर में ही था और उसके shorts से उसके विशाल लिंग के आकार का अनुमान लगाना बहुत मुश्किल नहीं था| पर तब शालिनी टीवी देख रही थी और इसका फ़ायदा उठा कर राजू चुप चाप सोफे में बैठ चूका था| राजू शालिनी के बाये तरफ वाले सोफे में बैठा हुआ था और शालिनी अपने मुह को राजू के तरफ करके बोली, “अच्छा हुआ तू आगया राजू, आज अमर भी अपने कॉलेज के दोस्तों के साथ आउटिंग पे गया हुआ है| मुझे अकेले रहने में बहुत घबराहट होती है इसलिए तुझे बुलवा लिया| तू कुछ खायेगा?” 
राजू porn movie न देखपाने की वजह से अभी तक झल्लाया हुआ था, “नहीं आंटी, मैं खाना खा चूका|” और आन्माने तरीके से टीवी देखने लगा| मन ही मन सोचने लगा कहा मस्त porn movie देख रहा था और कहा यह साँस बहु का सीरियल देखना पड़ रहा है| तभी शालिनी अचानक बोल पड़ी, “अच्छा सून, क्या मैं बुधिया हो गयी हु?” राजू का बात करने का दिल नहीं कर रहा था पर जवाब देना मज़बूरी थी, “नहीं तो...किसने कहा? आप तो बहुत जवान दिखती हो|”
शालिनी मायूस सा चेहरा बना कर बोली, “पता नहीं, आज मार्किट में एक बदमाश लड़के को अपने दोस्त से कहते सुना की देख देख मोती आंटी कैसे कमर मटका मटका कर चल रही है और यह कहते हुवे दोनों मेरी तरफ देख कर जोर जोर से हसने लगे|” 
राजू फॉर्मेलिटी करता हुआ बोला, “अरे वह आवारा लड़के है, उनकी बात पर क्या ध्यान देना|”
यह सुनते ही शालिनी उठ खड़ीं होती है, “तू ठीक कहता है राजू|” कहते हुवे राजू के तरफ पीठ कर देती है और पलट कर राजू के तरफ देखते हुवे कहती है, “सच सच बोल राजू, क्या मैं पीछे से बहुत मोती दिखती हु?” 
शालिनी ने पतली साड़ी बहुत टाइट लपेटी हुई थी जिससे की उनकी उभ्री हुई नितंबो की आकार और माप का अंदाज़ा लगाना बहुत मुश्किल नहीं था| राजू आज पहली बार शालिनी की नितंबो के तरह देख रहा था| वह लगभग 40-42 माप की होगी, मानसाल उभारदार और चौड़ी| टाइट साड़ी की वजह से नितंबो के बिच के दरार का गहरापन का अनुमान लगाना भी मुश्किल नहीं था| शालिनी की सुडौल नितम्ब को देखते ही राजू के ख्याल में porn movie का वह दृश्य आगया जिसमें हट्टा कट्टा आदमी सुडौल नितम्ब वाली अभिनेत्री के नितंबो को हाथो से मसलता हुआ उनको कभी चूम रहा था तो कभी चाट रहा था| राजू अब काफी उत्तेजना से भर गया था| 

वह एक टक शालिनी की नितंबो को देखता हुआ बोल पड़ा, “आंटी आप तो पीछे से बिलकुल हीरोइन लगती है|” 
शालिनी थोड़ी सी उखड़ी अंदाज़ में बोली, “बस बस बकवास मत कर|” राजू सहम गया और सोचने लगा कही मेरे किसी बात की शिकायत माँ से न कर दे| वह मन ही मन सोचने लगा की अब से मुझे संभल कर बोलना पड़ेगा| यह सोच ही रहा था की तभी शालिनी अपना बाया हाथ पीछे ले जाती है और साड़ी के ऊपर से अपनी बायीं नितंब पर रखते हुवे, हल्का हल्का थपथपाते हुवे बोलने लगी, “देख, मुझे झूठ बिलकुल पसंद नहीं| ध्यान से देख इसको और बता क्या यह बहुत बड़ी है?” शालिनी के अपने नितंब पर थपथपाने से उनकी नितंब हिलने लगी थी जिससे राजू को एहसास हो गया था की शालिनी की नितंब सिर्फ सुडौल और गहरी ही नहीं बल्कि बहुत कोमल भी है| राजू शालिनी को अपनी ही नितंब को थपथपाते हुवे हिलाता देख कभी उत्तेजना से भर गया था| राजू को अब यह आभास हो गया था की शालिनी को अपने जिस्म की तारीफ बहुत पसंद है| वह अब यह चाहता था की किसी तरह से शालिनी को प्रोत्साहित करता रहे ताकि वह और भी मनोरंजन  करे उसकी| पर साथ ही उसको यह भी ख्याल रखना था की कही गलती से भी कुछ ऐसी बात न बोल जाये जिससे की उसकी शिकायत हो जाये| बहुत सोच समझ कर राजू बोला, “आंटी, मुझे झूठ बोल कर क्या मिलेगा?  इसमें मेरा कोई फ़ायदा नहीं| चाहे आप मेरी बात को झूठ समझो या सच पर मैं फिर भी बोलूँगा की इतनी सुडौल आकार और माप तो बहुत किस्मतवाली औरतो की ही होती है|” 
मुस्कुराते हुवे शालिनी बोली, “तू सच बोल रहा है न राजू? वैसे भी यह सिर्फ 40 की है|” अपनी बाये नितंब पर हाथ फेरते हुवे बोली| “न जाने आज कल के लडको को क्या हो गया है, औरतो का तो इज्ज़त करना तक भूल गए है| कैसी गन्दी गन्दी comments pass करते है|”
राजू चाहता था की शालिनी को और ज्यादा प्रोत्साहित करे, “अरे आंटी, आप अवारा लडको की बातों को क्यों इतना दिल पे लगा रही हो? वह तो कुछ भी बकवास करते रहते है|”
शालिनी अपने सोफा में बैठते हुवे बोली, “फिर भी कोई लिहाज तो होना चाहिए न| कुछ और नहीं तो कम से कम उम्र का लिहाज तो करना चाहिए न| न जाने आज कल के लडको को क्या हो गया है..बहुत गन्दी गन्दी बातें करते है, मुझे तो बोलते हुवे भी शर्म आती है|”
अब राजू की जिज्ञाषा और भी बड़ जाती है, “क्यों क्या हुआ आंटी? किसने क्या बोला आपको? जरा बताईये मुझे खुल कर, मैं देख लूँगा सालो को|”
शालिनी आंटी बोली, “उस दिन मैं साड़ी खरीदने गयी थी| धुप में साड़ी का रंग चेक करने शॉप के दरवाजे से बाहर आई| साड़ी को अपने कंधे पर रख कर देखने लगी| सामने दो लड़के खड़े थी| तुम्हारी उम्र के होंगे| एक ने दुसरे को बोला कितनी मस्त बड़ी बड़ी है इस आंटी की| यह सुनते ही मेरे कान लाल हो गए”| यह सुनते ही राजू का ध्यान शालिनी की बड़ी बड़ी स्तन पर गयी| शालिनी ने sleevless low cut ब्लाउज पहन रखा था| low cut की वजह से उनकी स्तन की दरार दिख रही थी| मन ही मन सोचने लगा सच ही तो बोल रहे थे दोनों| शालिनी इस बात से अनजान की राजू अब उसकी स्तनों को निहार रहा था वह बोलती रही, “दूसरा लड़का तो और भी बेशरम था| उसने अपने दोस्त से कहा की ऐसी मस्त आंटी तो बिना साड़ी के और ज्यादा सुन्दर लगती है| यह सुनते ही मेरे कान और गाल दोनों लाल हो गए थे| इतनी गन्दी बात आज तक किसी ने मेरी बदन के ऊपर नहीं बोला था|”
राजू से रहा नहीं गया और वह यह comments सून कर जोर जोर से हसने लगा|
राजू, “हा हा हा हा ... “
शालिनी गुस्से से राजू को घूरते हुवे बोली, “अरे बदमाश, तू क्यों हस रहा है? तू भी उन आवारा लडको जैसा ही है क्या?”
राजू तुरंत परिस्थिति को संभालता हुआ बोला, “अरे आंटी, यह तो कॉम्प्लीमेंट है| आपको कोई अच्छा बोले तो भी आपको पसंद नहीं और कोई बुरा बोले तो भी|”
 शालिनी, “अरे ऐसा नहीं है राजू| अगर कॉम्प्लीमेंट करना है तो उसका एक तरीका होता है| ऐसे थोड़े की कुछ भी बोल दो, जाहिलो की तरह|” थोडा रुक कर शालिनी फिर बोली, “अच्छा राजू, तू तो बड़ा शरीफ है| तू मेरी इज्जत भी करता है| अगर तू उनकी जगह होता और तुझे मेरी तारीफ करनी होती तो तू इसी बात को कैसे बोलता?” 
राजू थोडा सोच कर बोला, “वाह यह आंटी कितनी सुन्दर है| एक बार कोई इनकी फिगर को देख ले तो बार बार इनके सुन्दर बदन को निहारने का दिल करेगा|”

शालिनी खुश हो कर बोली, “अरे वाह राजू| यह होता है किसी औरत की तारीफ करने का तरीका|” तभी उनकी नज़र घडी पर गयी| अब रात के १२.३० बजे थे| “अरे बातों बातों मैं पता ही नहीं चला कितना समय निकल गया| चलो अब सोते है| बाकि बातें बेडरूम में करेंगे| और बातें करते करते सो जायेंगे|” यह कहते हुवे वह उठी और बेडरूम के तरफ जाने लगी| राजू भी उठा और शालिनी की सुडौल नितंबो को देखता हुआ उनके पीछे पीछे चलते हुवे सोचने लगा| उफ़ कितनी मस्त पिछवाडा है आंटी का| मैंने कभी इनको ध्यान से देखा क्यों नहीं|

यह कहानी amazon में उपलब्ध है| मेरे उन पाठको को यह कहानी समर्पित है जिनको अपने से बड़ी उम्र की औरत उत्तेजक करती है| 

कहानी का शीर्षक है - "आ ...आ ... आंटी" 

Sunday, March 12, 2017

बच्चा ही तो है: कामिनी आंटी

मेरा नाम कामिनी है और मैं चालीस साल की शादी शुदा औरत हु. मेरे दो बच्चे है जो हॉस्टल मैं रहते है| मेरे पति दुबई मैं नौकरी करते है| नोतबंदी की वजह से पैसो की दिक्कत आरही थी. समझ नहीं आरहा था की राशनवाले का क़र्ज़ कैसे चुकाऊ| राशनवाला रोज पैसे मांगता था. कल तो हद ही हो गयी| उसने कहा, "भाभी जी, पैसो को रहने दो| आप चाहो तो मैं पूरे महीने का राशन ले कर रात को आऊ?"

मैं उसके इरादे को समझ गयी थी| जी कर रहा था जोर से थप्पड़ मार दू कुत्ते को| पर मैं कर्जदार थी| कुछ बोल नहीं सकती थी| मैंने कहा, "नहीं भाई साहब, कल तक पैसे आजायेंगे|"

मैं परेशान थी और सोच रही थी की कैसे उस हरामखोर राशनवाले के पैसे वापिस करू| तभी मेरे पड़ोसन का बेटा गोपाल आगया था| गोपाल सिर्फ पंद्रह साल का था और मुझसे बहुत घुल मिल गया था| वह आते ही मेरे पास बैठ गया और पुचा, "अरे आंटी जी क्या हुआ? क्यों परेशां दिख रही हो?"

मैंने कहा, "अरे, क्या बोलु गोपाल बेटा, नोटबंदी ने तो मेरी ले रखी है|"
गोपाल बच्चा था तो उससे थोडा बहुत मजाक कर लेती थी वह भी मुझसे मजाक कर लेता था| मुझे बुरा नहीं लगता था क्योकि वह सिर्फ पंद्रह साल का बच्चा था|
गोपाल मुझसे चिपक कर बैठ गया और पूछा, "अरे, अरे, किसने ले ली मेरी प्यारी आंटी की?"
उसके मुह पे शरारती मुस्कराहट थी|
मैंने कहा, "अरे, बदमाश मैंने कहा नोट बंदी ने मेरी ले ली| अगर ऐसा ही चलता रहा तो शायद सच्च मैं कोई न कोई मेरी ले ही लेगा|"

गोपाल मेरे जांघ पर हाथ रख कर बोला, "अरे ऐसे कैसे कोई आपकी ले लेगा?" मैंने उसको समझाते हुवे कहा, "अरे तुझे नहीं पता बेटा, औरत अगर मजबूर हो तो मर्द उसकी खूब ठुकाई कर डालता है|" गोपाल से मेरा कुछ ऐसा रिश्ता बन गया था की मैं खुल कर कुछ भी बातें कर लेती थी|

बिलकुल एक दोस्त की तरह| क्योकि वह सिर्फ एक बच्चा था और वह औरत को इस्तेमाल करने लायक अभी हुआ नहीं था| इसलिए मुझे उससे कोई खतरा नहीं था| गोपाल ने पूछा, "आंटी, आपकी ठुकाई? बाह बड़ा मज़ा आयेगा आपकी ठुकाई देखने में?" वह शरारती मुस्कराहट के साथ बोला|

मैंने उसके सर पर हल्का सा थप्पड़ मारा और कहा, "हट बदमाश, तेरी आंटी की कोई ठुकाई करेगा और तू देख कर मज़े लेगा. बेशरम कही का."
वह खिलखिला कर हसने लगा|
मैंने कहा, "अच्छा बेटा गोपाल, एक बात बता|"
गोपाल, "क्या आंटी?"
मैंने कहा, "अगर वह राशन वाला मेरी मज़बूरी का फ़ायदा उठा कर मेरी बजाएगा. तो क्या तुझे सच्च में मज़ा आयेगा| क्या तू सच्च मैं चाहता है की वह मेरी मार ले और तू मेरी ठुकाई देख देख कर मजे ले?"

वह बोला, "मैं तो उसका मुह तोड़ दूंगा आंटी| मैं तो बस मजाक कर रहा था| क्यों क्या हुआ आंटी बोलो न, क्या मज़बूरी है आपकी?"

मैंने कहा, "राशन वाले का पंद्रह हज़ार का कर्जा हो गया है और तेरे अंकल नोट बंदी की वजह से पैसे नहीं भेज पा रहे|"

वह बोला, "बस इतनी सी बात आंटी जी| आपको तो पता है न मेरे पापा कितने बड़े रिश्वतखोर है| मैं आपकी मुश्किल हल कर देता हु पर बदले मैं मुझे क्या मिलेगा आंटी?"
मैं मन ही मन खुश हो गयी और मजाक में बोली, "तू कहे तो मैं तुझसे शादी कर लू?" वो बोला, "तो प्रॉमिस करो आंटी की आज मैं आपका पति और आप मेरी पत्नी बनोगी|"

मैं मन ही मन सोचने लगी उस मुष्टंडे राशन वाले से तो येही अच्छा है| पंद्रह साल का बच्चा ही तो है, बेचारे का तो खड़ा भी नहीं होता होगा| पत्नी बना कर कुछ नहीं कर पायेगा|
मैंने सोच कर कहा, "चल प्रॉमिस किआ, आज के लिए तू मेरा पतिदेव और मैं तेरी धरम पत्नी|" वो खुश हो कर चला गया और कुछ देर बाद आया और मेरे हाथ मैं बीस हज़ार रुपये रख दिए| वो मेरे साथ सोफे पे बैठ गया और मेरे गर्दन को चूमने लगा, एक हाथ से मेरी सारी का पल्लू हटाने लगा| मैंने उसको रोकते हुवे बोला, "अरे, अरे, बदमाश क्या कर रहा है? मैं तेरी आंटी हु|"

उसने कहा, "गलत, आप मेरी पत्नी हो|" और यह कहते हुवे उसने मेरी सारी का पल्लू हटाया और एक हाथ से मेरी चूची पकड़ कर दाबने लगा|
मैं हैरान हो गयी पर सोचने लगी, चलो करने दो इसको जो मर्ज़ी| कम से कम मेरी ले तो नहीं पायेगा यह| इससे मुझे कोई खतरा नहीं |
वो मेरी चूची दाबता हुआ बोला, "आंटी आपने प्रॉमिस किआ है की आज के लिए आप मेरी पत्नी हो| अब मैं आपके साथ जो मर्ज़ी कर सकता हु|"
मैंने सोचा बच्चा बड़ा होने की कोशिश कर रहा है पर मुझे कोई खतरा नहीं इससे, "अच्छा जी, तो क्या अब मेरा बच्चा पति देव मेरी लेने की सोच रहा है?"
उसने तुरंत कहा, "हाँ बिलकुल मेरी पत्नी| आखिर मैं आपका पति हु, आपकी तो मैं लूँगा ही|"
मैं मन ही मन हस रही थी उसकी बातें सून कर और सोचा चलो देखती हु इस बच्चे को क्या क्या आता है| वैसे भी इसका इतना छोटा होगा और ठीक से खड़ा भी नहीं होगा, दाल तो पायेगा नहीं| क्यों न हाँ बोल दू?
मैंने कहा, "हाँ मैंने प्रॉमिस किआ है तो निभाउंगी भी| चलो ठीक है, आज मेरी जम कर मार लो|" मन ही मन मेरी हसी का ठिकाना नहीं था| मुझे पता था यह कुछ नहीं कर पायेगा| उसने कहा, "आंटी, आप टेबल मैं झुक जाओ, मैं पीछे से आपकी लूँगा|" मैं तुरंत टेबल पर अपने दोनों हाथ रख कर झुक गयी और अपनी चालीस साइज़ की उभारदार और बड़ी गांड को उचका दिया| मैंने बड़ी मुश्किल से अपनी हसी रोक रखी थी, वो पीछे से मेरी गांड को सारी के ऊपर से सहलाने लगा| वो मेरी गांड को सहलाता और दाबता हुआ बोला, "बाह आंटी, आपकी गांड बड़ी मस्त है, आज तो आपको खूब चोदुंगा|" उसके मुह से चुदाई सून कर मैं हैरान हो गयी, "अरे, बेटा, तुझे यह सब बातें किसने सिखाई? मैं तेरी मम्मी से कह दूंगी| यह गन्दी बातें कहा से सीखी?"
वो मेरी सारी पीछे से ऊपर उठाता हुआ बोला, "अंटी, मत भूलो की आज आप मेरी पत्नी हो| और ऐसी मस्त पत्नी जिसकी हो वो तो दिन रात चोदेगा ही न आपको?" मैं टेबल पे वैसे ही झुकी रही और उसने मेरी सारी कमर से ऊपर उठा कर मेरी गांड नंगी कर दी| मैं घर पर पेंटी नहीं पहनती थी| इसलिए सारी ऊपर होती ही मेरी गोरी भरी हुई कोमल गांड गोपाल के सामने नंगी हो गयी| हे भगवन इसने तो मेरी गांड नंगी कर दी| गोपाल मेरी नंगी गांड को सहलाता हुआ बोला, "कसम से आंटी, ऐसी मस्त गांड मैंने आज तक नहीं देखि| आज आपकी मारने में बड़ा मज़ा आयेगा|"

Tuesday, November 11, 2014

Mami ji ki palang tod chudai

Vinod mera itna respect karta hai mujhe nahi pata tha. mere ane ki wajah se usne apne office se chutti v le li thi aur pura din mujhe dilli ghumane, shopping karne, film dikhane aur restaurants main khilane main nikal dia. Mami ji, yeh lo...mami ji woh lo....aisa lagta tha mano woh soch raha tha ki mami ji ke liye kya karu kya na karu.  Respect karna to wajib v tha..woh sirf 19 saal ka tha aur main 39 yrs ki. dikhne main bhale hi woh hatta katta tha jisse uski age 23-24 ki lagti thi par dil se to bahut acha aur thoda shararti bacha hi tha. shopping main v usne apni shararat nahi chori. mere liye usne ek g-string panty aur transparent bra kharidi..aur khub hasne laga. mujhe sharam v ayi aur hasi v...ek taraf lag raha tha bacha shararat kar raha hai to dusri taraf soch rahi thi aisi shararat kyo? kher raat ko ghar ate ate sab bhul gayi thi..aaj bahut maza aya tha pura din. sone ka samay ho gaya tha tabhi Vinod bol pada...."mami aaj mere saath hi mere bistar par so jana" tab dubara mujhe uske g-string panty aur transparent bra kharidne ki baat yaad agaye. maine kaha -"arey nahi beta, main is kamre main hi so jaungi"

vinod bholepan se bola-"maine to socha tha thodi aur masti ho jayegi par jaisi apki mazi mami ji. gud nite"

yeh bol kar woh chala gaya, aur main tv dekhti rahi. karib 30 min baad pata nahi mere maan main kya khayal aya. main sidha vinod ke kamre main gayi...dekhne ki woh soya hai ya nahi. zero power ka bulb chal raha tha. vinod soya nahi tha, sune mujhe dekhte hi muskura kar kaha "ajao mami ji" maine uska kaha mana aur uske saath hi let gayi. mere lette hi usne apne haath se mujhe jakad liya aur ke tang mere tang ke upar chada diya "badmash..bacho jaise kyo karta hai..thik se so ja" woh ab sunne ke mood main nahi tha. woh subah tak laga raha. raat ke 11 baje se le kar subah ke 5 baje tak laga pada tha. us raat main bahut chudi thi. zindegi main kabhi itna nahi chudi thi. aur shayad jo jo usne mere saath kia uska 10% v apni zindegi main nahi ki thi. meri choot ki aisi ki taisi karne ke baad usne teri gaand maar li, mujhse apna lund chuswaya aur na jane kaise kaise pose main meri li. bilkul palang tod chudai hui meri us raat.

Agar apko us raat kya kya hua tha...detail main sunna hai to comment kare. 

Saturday, May 17, 2014

Adarniya Mami ji

Mujhe aaj bhi woh raat yaad ati hai to main sihar uthti hu. Ji haan, "sihar jati hu" aapko zaroor yeh baat ek 42 saal ki shadi shuda aurat se soon kar ajeeb lagega par yeh sach hai. maine v nahi socha tha ki aisa bhi kuch hota hai.


baat undino ki hai jab main apne beti ki shadi ke liye shopping karne Delhi gayi thi ghaziabad se kiyoki mera bhanja vinod waha rehta hai to raat ko uske ghar ruk kar subah wapis ane ka tha. Main janti hu aap soch rahe honge ismain naya kya hai? main yeh bhi janti hu aap soch rahe honge bhatije-chachi, bhanga-mami ki sex stories bahut padhi hai...ismain naya kya hai?  main yeh bhi janti hu ki aap soch rahe hai ki aunty, chachi, mami aur bhabhio ko family ka hi koi young member use kar hi leta hai..yeh to aaj kal aap baat hai...to fir naya kya hai? par main aapko bata rahi hu yeh naya hai aur yeh v bata rahi hu ki yeh naya kiyo hai.

Vinod meri bahut ijjat karta tha aur kiyoki main subah subah hi pahuch gayi thi to unse hamesha ki tarah mere pair chu kar mera swagat kiya. ghar par mere aram ka pura khayal rakha, shopping karane le gaya aur bahut patient ke saath shopping main mera saath dia. usko yeh bhi pata tha ki main kitni orthodox aur dharmi hu aur shopping ke baad woh mujhe mandir ki bahut achi darshan bhi karaya. ek achi si restaurant main khana khilaya aur bechara bhag bhag kar har chiz ki khayal rakh raha tha taki uski mami ji ko koi taklif na ho. bada hi acha ladka tha, meri bahut ijjat aur khayal karta tha.

kya aap soch sakte hai ki yehi ladka raat ko apni adarniya mami ji ko bilkul nangi karke uske upar chad jayega? main hairan thi par mujhe yeh samajh nahi aya ki main hairan kis liye hu. kya main hairan isliye thi ki meri itni adar aur samman karne wala bhanja meri le raha tha ya fir woh jis tarah se meri maar raha tha usse hairan thi. meri shadi ko 20 saal ho chuke thy aur uske baad v main GITA par haath rakh kar kasam le kar keh sakti hu ki duniya ki koi aurat is tarah se nahi "thuki" hogi jis tarah se us raat meri thukai hui thi.

agar koi mature aurat is story ko pad rahi hai to woh samajh jayegi ki ek shadi shuda 42 yrs ki aurat ke muh se sirf ek "aah" nikalwana hi bahut mushkil hota hai. khas kar tab jab ladka sirf 18 saal ka ho. par jab woh mere upar chad kar mere andar dala to mere muh se "oyiiii maaaaaaa" ki chikh nikli thi. aisa laga mano koi bahut mota aur bada sa musal mere andar jabardasti chirta hua andar ja raha tha. uske andar daya bhi thi aur woh turant mere pain ko samajh kar uth kar baith gaya aur baithe baithe bahut aram aram se aur dhirey dhirey andar bahar karne laga. mujhe yaad hai maine apne gaon main apni saheli sunita (43 yrs) ko 18 saal ka bhatija uske chuchiyo ko kitchen main dab raha tha. woh sunita ko bhaiso ke tabele main le gaya aur sunita ko khatiya main lita kar uske upar chad gaya. karif 10 minute tak bahut excitement aur speed ke saath woh sunita ke muh ko charo taraf se chumta hua sunita ki marta raha. is dauran sunita ne ek bhi awaz nahi kiya aur aram se tange phela kar leti rahi. kiyoki main piche se chup chup kar dekh rahi thi isliye mujhe andar bahar hota saaf saaf dikh raha tha. halaki sunita pani chorne lagi thi par mujhe woh "ragadna" hi laga. haan, ragadna ya fir "ghisna" keh sakte hai. usne sunita ke andar daal kar 10 minute tak "ghisa" kehna sahi hoga. par yaha vinod na hi mujhe "ragad" raha tha aur na hi mujhe "ghis" raha tha. Yaha meri "chudai" ho raha thi. Vinod meri sachi maine main chudai kar raha tha aur main chud rahi thi. Vinod ek mature pakke chudakkar mard ki tarah baith kar mere kandho ko dono hatho se pakad kar har dhakke ke saath meri choot ko chudai ka ehsas dila raha tha. Aur main mano ek sher ke shikange main fasi najuk kamzor hiran ki tarah "hu hu...ah ah..oyi oyi..iss iss..." hi kar pa rahi thi bas. Par yeh to bas shuruat thi.

usne mere dono thago ko apne kandhe par rakh lia tha. aap samajh sakti ho is umar ki aurat ko aise pose ki adat nahi hoti aur yeh mujhe ajeeb se jyada sharmsar karne laga. woh samajh gaya ki main sharma gayi hu usne apne ek haath se bahut pyar se mere galo ko sehlaya, sir par haath rakh kar thap-thapaya, muh ko pakad kar pyar se bachi ki tarah dabaya, chuchiyo ko pakad kar halka halka 4-5 bar dono ko bari bari daba. usne mujhe relaxed aur comfortable feel karwaya. yaha par main aapse yeh batana zaroori samajhti hu ki aapko kaise pata chalega ki koi aurat ki asli chudai kab ho rahi hai. yeh janne ka ek bahut asan tarika hai, Jab aapko palang ke "khat khat khat" ki tez awaze kuch aise aye mano palang kabhi bhi tootne wala ho. Jab uski churia aise baj rahi ho mano kisi nachne wali ki pairo ke payal. Jab woh har dhakko par aah aah aahhh..kar rahi ho aur uske saath har dhakko ke saath jor jor se chudne ki awaze "thap thap thap" arahi ho. tab samajh lijiye ki aurat  ki buri tarah se mari ja rahi hai. Vinod meri hi aise hi maar raha tha. main isko maarna ya chudna nahi kahunga balki yeh kehna chahungi ki vinod meri khub baja raha tha. 

Tuesday, April 15, 2014

Beti ke shadi ki shopping

Mera naam Madhu hai aur main 45 saal ki ek beti ki maa hu. Main Ghaziabad se hu aur ek house wife hu. Un dino meri beti ki shadi taiy hui thi. Beti ke liye ladka dhundne main koi pareshani nahi hui kiyoki meri beti mujh par gayi thi, lambi choudi, bhare badan wali gori. Jaise ki meri shadi ke liye v ladka dhundne ke liye mere maa baap ko jyada problem nahi hua waise hi meri beti ke liye v ladka dhundne main koi problem nahi hua. Ladko ko jaisi figure aur looks wali biwi chahiye waise main bhi thi aur meri beti v hai. Agle saal shadi ka date nikla aur main chahti thi ki thoda thoda kar ke beti ki shadi ki shopping Delhi se karti rahu, taki paise v bach jaye aur koi jaldbaazi v na karni pade. Mere pati ka bhanja Dilip (23 years) Delhi main rehta tha aur usni ne yeh idea diya tha ki mami aap bich bich main Delhi akar 1-2 din ruk jana aur shopping karti rehna.

Main jaise hi waha pahuchi usne bade ijjat se mere pair chu kar mera swagat kiya aur meri bahut sewa ki. Woh mujhe Chandni Chowk le gaya aur sareeya kharidwayi. usne apne paise se mere liye bhi ek bada acha saree liya. Shaam ko Karol Bagh ke Hanumaan Mandir le gaya aur fir CP ke resturant main dinner karwaya. Raat ko uske government single room ke government quarter main agaye. Pehle to usne kaha ki woh niche let jayega par maine mana kar dia...main apne bhanje ko niche thodi sone de sakti thi aur khas kar tab jab woh meri itni ijjat karta ho aur help kar raha ho.
Raat ko woh mere pet par haath rakh kar let gaya. "mami ji, aapki shadi kitne umar main hui thi?"

"Meri shadi to 18 saal main hi ho gayi thi"

Woh bache ki tarah mere pet main haath sehlata hua puch raha tha "Aapne to dahej bahut dia hoga na?"

"arey nahi...tere mama to mere upar lattu ho gaye thy, dahej lene se mana kar diya tha"

woh batein karta raha aur mujhe sehlata raha, uska sehlana mujhe acha lag raha tha aur pura din ghumne ki wajah se kafi thak gayi thi to kab ankh lag gayi pata nahi chala. mere neend main jane ke baad usne mere saath kya kya kiya mujhe kuch pata nahi chala par jab ankh chali to maine dekha mere blouse ke buttons khule thy aur meri chuchiya bilkul nangi thi. main shocked ho gayi thi...hairan thi, meri saree kamar ke upar chadi huwi thi aur meri choot bilkul nangi thi. main ghabra gayi aur dilip ke taraf dekhta. Aur shocked ho gayi, woh bilkul nanga ho kar baitha hua tha, "Dilip...ye..."

"arey mami ji...aap uth gayi. main aapke uthne ka hi intezaar kar raha tha" yeh kehte hi woh mere upar chad gaya.

main buri tarah ghabrai hui thi, "Yeh kya kar....dilip..DILIP..."

"Koi baat nahi mami ji...kuch nahi...kuch nahi..." yeh kehte huwey woh meri choot main lund undar daalne laga.

"aaaahhhhhhh........."

"kuch nahi hoga...mami ji..relax" aur dhakko pe dhakke maarta hua meri choot maarne laga.

"aaahhhh....uiiiii maa.....yeh..aaahhh....kya uiiiii....kar aaaahhh.....rahe ho....aaaaaaaaaaaahhhhhhhh" mujhe aisa laga mano thoda thoda karke 1 foot ka lamba mota rod kisi ne meri choot main daal dia ho.

"mami chudai ke time idhar udhar ki batein mujhe pasand nahi"